मेरी आंखों को किसकी नज़र लग गईउसके दिल में भी कोई है हमें ख़बर लग गई इक ज़िंदगी और मिले ऐसी दुआ नहीं चाहिएकैसे उभरे इस ग़म से इसमें ज़िंदगी ज़हर लग गई नूर तक हमें देखने की ख्वाहिशें बहोत थीं मग़रआसमां में देखते रहे और सहर लग गई आख़िरी जवाब से हमनें दिल येContinue reading “नज़र”