उधार नहीं देता

यहां के अजीब लोग कोई एतबार नहीं देतामैं   खुशियां   बांट  देता  हूं उधार नहीं  देता मेरी जिंदगी ख़त्म होते होते रह जाती हैमैं किसी को रुकने का इंतजार नहीं देता मेरे ख़्याल और ज़हन में कोई तो आएवही  क्यूं  आता  है  जो प्यार नहीं देता ख़्वाब मेरे सिमटे और सिमटते गए ख़त्म हो गएआख़िरी उम्मीदContinue reading “उधार नहीं देता”

कुछ अनकहा-2

अब थक गया हूं मैं और ख़ुद की वक़ालत नहीं कर सकतामेरे भरोसे मत रह दिल अब मैं तेरी हिफाज़त नहीं कर सकता हुए थे जो मेरे एहसास मैंने बड़े हिफाज़त से सज़ा रखे हैंमैं लिखकर दिखा सकता हूं मग़र बात नहीं कर सकता कहने को कुछ बाकी नहीं छोड़ा हमनें वैसेमैं हर किसी केContinue reading “कुछ अनकहा-2”

नज़र

मेरी आंखों को किसकी नज़र लग गईउसके दिल में भी कोई है हमें ख़बर लग गई इक ज़िंदगी और मिले ऐसी दुआ नहीं चाहिएकैसे उभरे इस ग़म से इसमें ज़िंदगी ज़हर लग गई नूर तक हमें देखने की ख्वाहिशें बहोत थीं मग़रआसमां  में  देखते  रहे  और  सहर  लग  गई आख़िरी जवाब  से हमनें दिल येContinue reading “नज़र”

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