आपकी बात पर गौर किया है,अभी पीना शुरू ही किया है…2 पहले ज़िन्दगी कट रही थी, मग़र अब जीना शुरू किया है याद में तेरी सब भूल जाता हूं, पल-दो-पल सही तुझे भी याद आता हूं…2एक दफ़ा तुजसे मिल लेता, मग़र तेरे बिन ही सही अब जीना शुरू किया है जब-2 महफ़िल जमेगी यारों की,Continue reading “अभी शुरू किया है।”
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अज़नबी साये।
बहोत आये अज़नबी साये, मग़ररूह नही थी सिर्फ बदन आए…2 ख़ुद को अभी तक आजमाया नहींसिर्फ ग़रज़ थी जिसको वही आज़माने आए…2हैरत तो बहोत हुई,मग़र लफ्ज़ मेरे ज़ुबां पर न आएमोहताज़ जब बन गया उनका, वो जब भी करीब आये फ़ना करने आए…बहोत आये अज़नबी साये, मग़ररूह नही थी सिर्फ बदन आए…2 उसके संग जोContinue reading “अज़नबी साये।”
तेरी-मेरी एक बात
तेरी मेरी एक बात होनी चाहिए…2इश्क़ पर न सही, हालात पर होनी चाहिए यूं मुसलसल तेरा नाम ज़ुबां पर आना, मग़रतेरी लत मुझ पर हावी नहीं होनी चाहिए…2दिल है तो अब पिघलना भी चाहिए, मग़रआंखें सूखी हैं अभी इनमें अश्कों का बहाव होना चाहिएतेरी मेरी एक बात होनी चाहिए…2इश्क़ पर न सही, हालात पर होनीContinue reading “तेरी-मेरी एक बात”
Tere liye…
जब-जब तू रूठेगा मनाने आऐंगेआंसू भी तेरे पोछने आऐंगे, मग़र…2जा चुकें हैं बहोत दूर तुझसे, अब तू ही बताकब्र से निकलर कैसे आऐंगे… खुद ही चुन लिया करो अपनी मंज़िल का रास्ताजब जब तुम चौराहे पर खड़े हो…2लो मुश्किलों का रास्तामग़र इश्क़ का रास्ता मत लेना…. इश्क़ है मुझपे बहोत, थोड़ा-2 कर लिया करता हूंपानीContinue reading “Tere liye…”
Thank you AOL
आपको, सबसे पहले प्रणाम करता हूंअब दिल का हाल बयां करता हूं…आपका नाम है प्रतीक करतें हैं सबको ठीक☺️ जब आपसे मिला था, कुछ मायूस थाकुछ अजीब था, खुद भी कहीं ग़ुम था… मेरे साथ कुछ यूं हुआ करता थासब चाबी, मैं ताला हुआ करता था…चाबी से खोल लिया करते थे लोगनहीं तो तोड़ दियाContinue reading “Thank you AOL”
शरीफ चाचा…
ये दुनियां कुछ ऐसी होनी चाहिएशरीफ चाचा जैसी होनी चाहिए…2 यूं तो बेमतलब लड़ा करते हैं सबज़िंदगी से लड़ने वाला चाहिए…आग तो सबके दिलों में है, मग़रकिसी घर का चूल्हा जलना चाहिए… अपनों के लिए सब जीते हैंबेबस के लिये जीना चाहिए…खुद के लिए फ़रिश्ता चाहते हो, मग़रतुम्हें भी तो फ़रिश्ता होना चाहिए… 80 बरसContinue reading “शरीफ चाचा…”
जज़्बात
जज़्बात तेरे ये जज़्बात, जज़्बात मेरे ये जज़्बातहम दोनों के ये जज़्बात, कत्लेआम कर दिये किसी नेसोचता हूं खुदा उन्हें कैसे माफ करेगाअगले जनम में उनके साथ भी यही करेगा… ज़रूरी नहीं इश्क़ दो तरफा होना चाहिएएक तरफा ही सही मग़र बेमिसाल होना चाहिएहमारा भी तो यही हाल था उसके लिये बेमिसाल थालेकिन बाद मेंContinue reading “जज़्बात”
दो पल।
तुमसे बस यही चाहता हूंदो पल खुशी के उधार चाहता हूंरोज़ आता है कोई अजनबी से ख्वाबों मेंआज फ़ना होकर उनसे मिलना चाहता हूं नज़ाकत से नूर को साथ लिए चल रहा थाख़ुश था ज़माने से अलग चल रहा थादिल ख़ुश तो कर दिया करता हूं सभी कामग़र मेरा दिल अय्यार है बड़ा आंसू भीContinue reading “दो पल।”
मैं खुद…
मैं जो ख़ुदग़र्ज़ कोई ढूंढ़ने चलासबसे ज्यादा वो मुझमें ही मिलासच बताने पर रुठ जाते हैं लोगदेखा जो खुद को सबसे जूठा मैं ही मिला… ख़ूब चला हूं कागज़ के पैरों सेमेरे लिये उसने कांच की सड़क बनाई हैबहोत मिले मुझे ज़ख़्मी लोगमग़र सबसे ज्यादा ज़ख़्मी भी वही मिला… मैंने कितनी दफा कहा उसे उतरContinue reading “मैं खुद…”
शीशे का जाल
तुम्हें पाना मेरी चाहत नहींग़मो का समंदर पा लिया है मैंनेये जो काफिला आँसुओ निकलता हैसीधा वहीं जाता है… तेरे साथ जो लम्हें मैंने गुज़रे थेकैद कर लेता उन्हें मेरे पास जो शीशे का जाल हैखुद ही अपनी एक क़ायनात बना लेताकतरा-कतरा जोड़कर उसे रंगवा भी लेता… ये जो ताबीर का मकां बना लिया हैContinue reading “शीशे का जाल”