उसकी बातें

इक  नाम  से  आंखे  नम  कैसे हो जाती हैंअक़सर तूफ़ां में  रेत गुम  कैसे  हो जाती है कितना बेचैन है हर ज़र्रा ठहर जाने कोफिर उसकी ज़िंदगी क़याम कैसे हो जाती है सहर होते ही लोग सड़कों पर दौड़ते हैंख़ुशबू दौलत की वहम कैसे हो जाती है लोग खुशियां मनाते होंगें जन्मदिन परमैं  सोचता  हूंContinue reading “उसकी बातें”

कुछ बातें

जो दर्द में साथ दे  उसकी चाहत  होती हैंहर   शख्श  में   कुछ बुरी आदत  होती हैं प्यासी ज़मीं का नगमा आसमां  ही सुनता हैतभी तो गर्ज कर सावन में बरसात  होती हैं अपने हालात का ज़िक़्र किस किस से करेंइस दौर में  कहां किसी से शिक़ायत होती है वो ज़िंदादिल रफ़ीक़ यार है मेरा मग़रदूरContinue reading “कुछ बातें”

Khani

आज मुझे एक कहानी लिखनी हैलफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी है वो जो तेरे यार मिले थे मुझे, सब बेकार मिले थे मुझेतूने बिन समझे,  उनको अच्छा बता दियाथोड़ा वक़्त तो देती अपने आप को, समझने के लियेतूने बिन वक़्त दिये, मुझको फरेबी बता दियाआज मुझे एक कहानी लिखनी हैलफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी हैContinue reading “Khani”

तुझे लिखूं के याद करू…

बदल लो दुनिया, ये अच्छी नहीं…2चलो मेरे साथ, दिल के शहर में ले चलूंमुझे पता है तू क्या चाहता है…2तू कहे तो, तेरे लिये एक ज़माना तैयार करूंआज तुजसे थोड़े से सवाल करूंचल बता तुझे लिखूं के याद करुं… मैं अज़नबी हूं थोड़ा विश्वास दे, डर मत अपना हाथ दे…2तुझे बेहद चाहता हूं मैं, अबContinue reading “तुझे लिखूं के याद करू…”

कैसे कहूं बेवफ़ा तुझे।

तेरी ज़िन्दगी है, तू किसी के नाम कर…2मग़र, मुझे भी थोड़ा सा बदनाम कर…लोग मुझे अच्छा समझते हैं, इनको थोड़ा तू हैरान कर…2भुला दूं सब रिश्ते दुनिया से, आज ज़ुल्म तू बेहिसाब करकुछ तेरे दिल में कुछ मेरे दिल में सिलसिला शुरु होता हैकैसे कहूं बेवफा तुझे, मेरे दिल में बहोत दर्द होता है… मुझेContinue reading “कैसे कहूं बेवफ़ा तुझे।”

कैसे कहूं बेवफ़ा तुझे।

तेरी ज़िन्दगी है, तू किसी के नाम कर…2मग़र, मुझे भी थोड़ा सा बदनाम कर…लोग मुझे अच्छा समझते हैं, इनको थोड़ा तू हैरान कर…2भुला दूं सब रिश्ते दुनिया से, आज ज़ुल्म तू बेहिसाब करकुछ तेरे दिल में कुछ मेरे दिल में सिलसिला शुरु होता हैकैसे कहूं बेवफा तुझे, मेरे दिल में बहोत दर्द होता है… मुझेContinue reading “कैसे कहूं बेवफ़ा तुझे।”

Cyber City.

कॉलेज खत्म होते ही, जब नौकरी की बात आईफ़िर, ये ज़िंदगी मुझे सायबर सिटी ले आई यहां लोगों की ज़िन्दगी 9से6 ऑफिस में जाती हैटी ब्रेक में लड़कियां भी सिगरेट जलाती हैंदेख कर इन्हें, पल भर में दिल में धड़कन बढ़ जाती हैफिर, ये ज़िंदगी मुझे साइबर सिटी ले आती है थका होता हूं, फिरContinue reading “Cyber City.”

शिकवे।

बहोत हैं शिक़वे सुनाऊं कैसे, बहोत हैं आंसू छिपाऊं कैसे…2तेरा दिल तो हंस रहा है, मग़र अपने दिल को चुप करुं कैसे… समां कुछ बदला-2 सा लग रहा है,पहले वाला लाऊं कैसे…2मेरी तक़दीर में मौसम-ए-इश्क़ नहीं, वो लकीर बनाऊं कैसे… जद्दोजहद हो रही दिल-दिमाग की, किसी को ग़लत बताऊं कैसे…2तू फ़लक बन गयी है, मग़रContinue reading “शिकवे।”

शिकवे।

बहोत हैं शिक़वे सुनाऊं कैसे, बहोत हैं आंसू छिपाऊं कैसे…2तेरा दिल तो हंस रहा है, मग़र अपने दिल को चुप करुं कैसे… समां कुछ बदला-2 सा लग रहा है,पहले वाला लाऊं कैसे…2मेरी तक़दीर में मौसम-ए-इश्क़ नहीं, वो लकीर बनाऊं कैसे… जद्दोजहद हो रही दिल-दिमाग की, किसी को ग़लत बताऊं कैसे…2तू फ़लक बन गयी है, मग़रContinue reading “शिकवे।”

अभी शुरू किया है।

आपकी बात पर गौर किया है,अभी पीना शुरू ही किया है…2 पहले ज़िन्दगी कट रही थी, मग़र अब जीना शुरू किया है याद में तेरी सब भूल जाता हूं, पल-दो-पल सही तुझे भी याद आता हूं…2एक दफ़ा तुजसे मिल लेता, मग़र तेरे बिन ही सही अब जीना शुरू किया है जब-2 महफ़िल जमेगी यारों की,Continue reading “अभी शुरू किया है।”

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