यहां के अजीब लोग कोई एतबार नहीं देता
मैं खुशियां बांट देता हूं उधार नहीं देता
मेरी जिंदगी ख़त्म होते होते रह जाती है
मैं किसी को रुकने का इंतजार नहीं देता
मेरे ख़्याल और ज़हन में कोई तो आए
वही क्यूं आता है जो प्यार नहीं देता
ख़्वाब मेरे सिमटे और सिमटते गए ख़त्म हो गए
आख़िरी उम्मीद तक मैं आंखों से समंदर नहीं देता
तुझसे मिलने की शिकन मेरे दिल में रही
वरना यूं नींद में तेरा नाम पुकार नहीं देता
मुझे मालूम है मेरा इश्क़ एक तरफ़ा ही रहेगा
मैं खामखा सबको अपने दिल से गुज़ार नहीं देता
हम ने इक मुक़ाम की ख़ातिर सब क़ुर्बान कर दिया
कौन से दिल में रखें ख्वाहिश दिल बेकार नहीं देता
कोई तो हो जो मेरे साथ मिलकर इक घरौंदा बनाए
मग़र ख़ुदा ज़ालिम है बड़ा मुझे कोई यार नहीं देता