आज मुझे एक कहानी लिखनी है
लफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी है
वो जो तेरे यार मिले थे मुझे, सब बेकार मिले थे मुझे
तूने बिन समझे, उनको अच्छा बता दिया
थोड़ा वक़्त तो देती अपने आप को, समझने के लिये
तूने बिन वक़्त दिये, मुझको फरेबी बता दिया
आज मुझे एक कहानी लिखनी है
लफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी है
वो जो तेरे दरवाज़े खुले पड़े हैं दिल के, बन्द कर
कहीं कोई याद मेरी अंदर न चली जाए, बन्द कर
बहोत लोग हैं यहां कतार में देख कोई पसन्द आ जाए
आज मैंने तुझे इश्क़ के बाज़ार के काबिल बना दिया
आज मुझे एक कहानी लिखनी है
लफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी है
दिल छोटा नहीं है मेरा, मुझे भरोसा है तेरा
तू दिल तोड़ देगी एक दिन, साथ छोड़ देगी मेरा
मैंने भी इसका इंतज़ाम कर रखा है
तेरी तसवीर को अपना बना रखा है
आज मुझे एक कहानी लिखनी है
लफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी है
दुनिया बड़ी अंजान लगती है, सुबह भी शाम लगती है
जैसे मैं इंतज़ार करता हूं तेरा,मेरे जाने के बाद तू भी करती है
चल बता दे तेरी कोई बात जो मुझे बतानी हो, बेशक़ पुरानी हो
बता दे मुझसे कोई परेशानी हो, मैं सब ठीक कर दूंगा बिना कीमत लिए करूँगा…
आज मुझे एक कहानी लिखनी है
लफ्ज़ मेरे तेरी ज़ुबानी लिखनी है
By:- Gaurav kumar/ mr shayar