बदल लो दुनिया, ये अच्छी नहीं…2
चलो मेरे साथ, दिल के शहर में ले चलूं
मुझे पता है तू क्या चाहता है…2
तू कहे तो, तेरे लिये एक ज़माना तैयार करूं
आज तुजसे थोड़े से सवाल करूं
चल बता तुझे लिखूं के याद करुं…
मैं अज़नबी हूं थोड़ा विश्वास दे, डर मत अपना हाथ दे…2
तुझे बेहद चाहता हूं मैं, अब बस तू मेरा साथ दे
तुझे कोई समझना चाहे, तो मेरा पता बता देना…2
तुझ पर लिखी किताब हूं मैं
आज तुजसे थोड़े से सवाल करूं
चल बता तुझे लिखूं के याद करुं…
किसी की ना को हा समझ लेना कोई आसान बात नहीं
सिर्फ चेहरा ठीक है उसका, और तो कोई ख़ास बात नहीं
क्या हुआ आंखे हैं मोतियों जैसी उसकी
हम भी तो किसी जोहरी से कम थोड़ी है
आज तुजसे थोड़े से सवाल करूं
चल बता तुझे लिखूं के याद करुं…
ग़लत लिखे को मिटाना पड़ता है
जो ग़लत है रिश्तों में उसे हटाना पड़ता है
जब प्यार ही प्यार हो दिल में
तब तो नफरत वालों को भी अपना बनाना पड़ता है…
आज तुजसे थोड़े से सवाल करूं
चल बता तुझे लिखूं के याद करुं…
By:-Gaurav Singh
Blog:-https://gauravpoetryblog.wordpress.com