तेरी ज़िन्दगी है, तू किसी के नाम कर…2
मग़र, मुझे भी थोड़ा सा बदनाम कर…
लोग मुझे अच्छा समझते हैं, इनको थोड़ा तू हैरान कर…2
भुला दूं सब रिश्ते दुनिया से, आज ज़ुल्म तू बेहिसाब कर
कुछ तेरे दिल में कुछ मेरे दिल में सिलसिला शुरु होता है
कैसे कहूं बेवफा तुझे, मेरे दिल में बहोत दर्द होता है…
मुझे तेरी आँखो में आंसू नहीं चाहिए…2
मग़र, थोड़ा तू मेरा भी तो ख़्याल कर
बस एक ग़ुज़ारिश है तुजसे…2
आज तू कुछ पल ही सही, मग़र अपना दिल मेरे नाम कर
कुछ तेरे दिल में कुछ मेरे दिल में सिलसिला शुरु होता है…2
कैसे कहूं बेवफा तुझे, मेरे दिल में बहोत दर्द होता है
आज हक़ीक़त का जुआ खेल ही लिया जाये…2
तू कितना अमीर बनता है, तुझे देख लिया जाये
मेरी तो ज़िन्दगी दाव पर लगी है,मग़र…2
तेरी हर दौलत को आज लूट लिया जाये
कुछ तेरे दिल में कुछ मेरे दिल में सिलसिला शुरु होता है…2
कैसे कहूं बेवफा तुझे, मेरे दिल में बहोत दर्द होता है
तेरे लबों की ख़ामोशी समझ जाता हूं…2
किसी और का नाम लेती हो अब, मैं कहाँ याद आता हूं
प्यार तो प्यार ही होता है, तू कब तक छुपाएगी…2
आंसुओ में सही, मैं तेरी आँखों में उमड़ ही आता हूं
कुछ तेरे दिल में कुछ मेरे दिल में सिलसिला शुरु होता है…2
कैसे कहूं बेवफ़ा तुझे, मेरे दिल में बहोत दर्द होता है
By:- Gaurav Kumar