कॉलेज खत्म होते ही, जब नौकरी की बात आई
फ़िर, ये ज़िंदगी मुझे सायबर सिटी ले आई
यहां लोगों की ज़िन्दगी 9से6 ऑफिस में जाती है
टी ब्रेक में लड़कियां भी सिगरेट जलाती हैं
देख कर इन्हें, पल भर में दिल में धड़कन बढ़ जाती है
फिर, ये ज़िंदगी मुझे साइबर सिटी ले आती है
थका होता हूं, फिर भी थोड़ा काम कर लेता हूं
सब चले जाते हैं घर, मैं कल का बोझ कुछ कम कर लेता हूं,
जब कोई साथ होता है, दिल लगा रहता है मग़र अकेला हूं
फिर, ये ज़िन्दगी किसी से मिलाने सायबर सिटी ले आई
सिर्फ यहां के लोग ठीक हैं, मग़र लोगों से ज़हरीली हवाएं
कुछ दिल के करीब लोग आ जाते हैं ख़ास बन जाते हैं
सफ़र काफ़ी कर लिया, किसी के साथ दो पल मुक्कमल हो
फिर, ये ज़िन्दगी किसी अजनबी से मिलाने cyber city le aai
By:-Gaurav Singh
Blog:-https://gauravpoetryblog.wordpress.com