सबका हाल पूछते हो
हाल माँ का पूछा है कभी…
पैरों सबके में गिर जाते हो
पापा के पैरों को छुआ है कभी…
दूसरों के दिल में जगह बना रहे हो
अपने दिल को खाली किया है कभी…
अपनी पसंद को खोज रहे हो
तुम किसकी पसंद हो पूछा है कभी…
इतने नादां तो तुम भी नहीं
वो बार-बार ठुकराते है तुम्हें…
क्या पागल बन बैठे हो
किसी को भी अपना समझ लेते हो…
By:- Gaurav Singh
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